How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good bhairav kavach

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वामपार्श्वे समानीय शोभितां वरकामिनीम् ॥ ६॥

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

तत्र मन्त्राद्यक्षरं तु वासुदेवस्वरूपकम् ।

उदरं च स मे तुष्टः क्षेत्रेशः पार्श्वतस्तथा

।। इति बटुक भैरव तन्त्रोक्तं भैरवकवचम् ।।

मन्त्रेण रक्षिते योगी कवचं रक्षकं यतः।।



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इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥



आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर click here रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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